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Monday, May 14, 2012

में मीडिया हूँ


में  मीडिया  हूँ   

आज में आपको अपनी कहानी  बताता हूँ 
मेरा इतिहास एवम  वर्तमान  सुनाता हूँ

में  मीडिया  हूँ   
बात उस वख्त की है ,
जब चंद  अंग्रेजो का देश  में  शासन  था,
देश में अंग्रेजो का आतंक  था ,
कुछ लोग उनसे मिले हुवे थे ,
कुछ लोग डरे हुवे थे ,
जो लोग अंग्रेजो के खिलाफ लड़ रहे थे ,
गोलियां - लाठियां  खाकर मर रहे थे .

में  मीडिया  हूँ   
अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने वाले  बढे ,
कुछ हिंसा से , तो कुछ अहिंसा से लडे ;
लोगोकों  जगाने के लिए उन्हों  मेरा हिस्सा अपनाया ,
देश के हर कोने में  अख़बार पहोंचाया ,
उन अखबारोने लोगोंकी  आखें खोली ,
सामान लपेट भाग उठी अंग्रेजो की टोली .

में  मीडिया  हूँ   
उन जागे हुवे लोगों को जगाये रखा था ,
इसलिए अख़बारों को चालू रखा था ,
देश - दुनियां में जो भी होता था ,
बिना रुकावाट अख़बारों में वो छपता था ,

में  मीडिया  हूँ   
आज के अख़बार दिशा भूल रहे है ,
पैसो के जुलो में जूल रहे है ,
क्या छापना था ,और क्या छाप रहे है ,
बुराइयों को वो अब ढँक रहे है  .

में  मीडिया  हूँ   
आज़ाद भारत में शुरू हुवा ,
मेरा दूसरा  अध्याय  टेलेविज़न ,
सुचना , मनोरंजन और ज्ञान पहोचाना था इसका काम ,
कुछ ही समय में देशमें  होगया इसका नाम.
फिल्म आई , क्रिकेट आया , आयें धार्मिक प्रोग्राम ,
सभी लोगों के लिए था ये  इनाम .

में  मीडिया  हूँ   
टेलिविज़न  में नए चेनल्स आयें ,
ज्ञान और मनोरंजन के प्रोग्राम लायें ,
बच्चे देखते , बड़े देखते ,
टेलेविज़न के सामने सभी साथ में बैठते .

में  मीडिया  हूँ   
टेलिविज़न शेत्र अब बदल चूका है ,
टी.आर. पि  की राह पर चल पड़ा है ,
मनोरंजन  की दुनियां का यह माध्यम ,
अब अश्लीलता बेच रहा है .

में  मीडिया  हूँ   
अब मीडिया के कुछलोग  मुझे बदलना चाहते है ,
मुझे फिरसे सच्चाई की रह पर चलाना चाहते है ,
ऐसे लोगों का में स्वागत करता हूँ ,
अब में बदलना चाहता हूँ , सुधरना चाहता हूँ .

में  मीडिया  हूँ   
  






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