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Tuesday, November 1, 2011

कुछ लिखूं





उठाया कागज और पकड़ी हाथो में कलम 
सोचा के आज फिर कुछ में लिखूं
फिर आई सामने एक उल्जन मेरे    
कोनसा शब्द पहले और कोनसा बाद में लिखूं                 

चलो इसबार कुछ नए अंदाज में लिखूं 
कुछ गध्य लिखूं या फिर कुछ पध्य में लिखूं ,
समज में आये हर किसी को 
ऐसी कोई नै विध्या में लिखूं 

अंग्रेजी में लिखूं या हिंदी में लिखूं 
आती हे जितनी भी भाषाए मुझे 
सोचा आज उन सभी में लिखूं 

बड़ो के लिए लिखूं या बच्चों के लिए लिखूं
जो  कोई  जानता है पढना 
आज उन सभी के लिए लिखूं 

देश में चल रहे अच्छे अभियान को लिखूं
या नई नई शोध कर रहे विज्ञान को लिखूं
नेक लोगो के हो रहे सम्मान को लिखूं
या बेवजह हो रहे उनके अपमान को लिखूं 

लोगो के मन में उठ रहे सवालों को लिखूं 
या दिल में उठ रहे ख्यालों  को  लिखूं 
अमीरों   की खुशी से  भरें प्याले लिखूं
या गरीबों के दुखो के निवालें लिखूं

बन रहे बड़े टावरों का लिखूं ,
या बढ़ रहे खुर्शी के पावरो का  लिखूं
उठाया कागज और पकड़ी हाथों में कलम
सोचा के आज फिर कुछ नया में लिखूं


                                                            - Ali Asgar Devjani