Translate

Friday, September 14, 2012

पिताजी ने कहा था


पिताजी  ने  कहा  था 
तुम  पढो , आगे  बढ़ो 
अक्ल और मेहनत तुम्हारे पास है 
हम तुम्हारे  साथ  है 

अक्ल ओर मेहनत से इम्तेहान पास हुवा  

पिताजी  का  में  ख़ास  हुवा 
पिताजीने  मुझे  शाबासी दी
साथही नई गाडी की चाबी दी 

खुशी से में उछल  पड़ा
गाडी लेकर में नीकल पड़ा 
याद रही पिताजीकी शाबासी 
न याद रही सीख उनकी आधी  
मेरी खुशी को देख पिताजीको सब समजमें आया 
बेटा सफल्तामे चाँद को छू आया 
पिताजीने मुझे पास बिठाया 
ज्ञान पुराना याद दिलाया 

अब मुझे सबकुछ याद है 
पिताजी को न कोई फ़रियाद है 
पिताजी ने कहा था 
तुम पढो ,आगे बढ़ो  

-अली असगर देवजानी