में मीडिया
हूँ
आज में आपको अपनी
कहानी बताता हूँ
मेरा इतिहास एवम
वर्तमान सुनाता हूँ
में मीडिया
हूँ
बात उस वख्त की है
,
जब चंद
अंग्रेजो का देश में शासन था,
देश में अंग्रेजो
का आतंक था ,
कुछ लोग उनसे मिले
हुवे थे ,
कुछ लोग डरे हुवे
थे ,
जो लोग अंग्रेजो
के खिलाफ लड़ रहे थे ,
गोलियां - लाठियां
खाकर मर रहे थे .
में मीडिया
हूँ
अंग्रेजो के खिलाफ
लड़ने वाले बढे ,
कुछ हिंसा से , तो कुछ अहिंसा से लडे ;
लोगोकों
जगाने के लिए उन्हों मेरा हिस्सा अपनाया ,
देश के हर कोने
में अख़बार पहोंचाया ,
उन अखबारोने
लोगोंकी आखें खोली ,
सामान लपेट भाग
उठी अंग्रेजो की टोली .
में मीडिया
हूँ
उन जागे हुवे
लोगों को जगाये रखा था ,
इसलिए अख़बारों को
चालू रखा था ,
देश - दुनियां में
जो भी होता था ,
बिना रुकावाट
अख़बारों में वो छपता था ,
में मीडिया
हूँ
आज के अख़बार दिशा
भूल रहे है ,
पैसो के जुलो में
जूल रहे है ,
क्या छापना था ,और क्या छाप रहे है ,
बुराइयों को वो अब ढँक रहे है .
में मीडिया
हूँ
आज़ाद भारत में
शुरू हुवा ,
मेरा दूसरा
अध्याय टेलेविज़न ,
सुचना , मनोरंजन और ज्ञान पहोचाना था इसका काम ,
कुछ ही समय में
देशमें होगया इसका नाम.
फिल्म आई , क्रिकेट आया , आयें धार्मिक प्रोग्राम ,
सभी लोगों के लिए
था ये इनाम .
में मीडिया
हूँ
टेलिविज़न
में नए चेनल्स आयें ,
ज्ञान और मनोरंजन
के प्रोग्राम लायें ,
बच्चे देखते , बड़े देखते ,
टेलेविज़न के सामने
सभी साथ में बैठते .
में मीडिया
हूँ
टेलिविज़न शेत्र
अब बदल चूका है ,
टी.आर. पि
की राह पर चल पड़ा है ,
मनोरंजन की
दुनियां का यह माध्यम ,
अब अश्लीलता बेच
रहा है .
में मीडिया
हूँ
अब मीडिया के कुछलोग
मुझे बदलना चाहते है ,
मुझे फिरसे सच्चाई
की रह पर चलाना चाहते है ,
ऐसे लोगों का में
स्वागत करता हूँ ,
अब में बदलना
चाहता हूँ , सुधरना चाहता हूँ .
में मीडिया
हूँ
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